१
हम उनके मुस्कुराने का इंतज़ार करते रहे
जिन्हें मुस्कुराना न था ।
खता उनकी भी क्या कहें
दिल उनका तो ग़मों का खजाना था ।।
२
तेरी यादों को यादों में सजोंकर ,
मैं बस यादों में ही जीता रहा ।
गिरते हुए आंसुओं को मोती समझा मैंने ,
और मोतियों की चाहत में रोता रहा ।।
3
वो मेरी राहों में काटें बिछाते रहे ,
और हम नदान उनके तरफ़ कदम बढाते रहे ।
वो मेरे जख्मों को देख खुस होते रहे ,
और हम उनकी हँसी में अपना लहू बहाते रहे ।।
4
इन दोस्तों की महफ़िल में ,तुम कुछ अजीब से लगे ,
दूर खढे रहकर भी दिल के कुछ करीब से लगे ।
अब तो बस दुआ है यही .....
हर किसी को मिले तुझसा दोस्त ,
न मुझे कोई बदनसीब सा लगे ।।
संवेदना एक अभिव्यक्ति है ,उन सभी के लिए जो मुझसे किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं , मेरे परिवारजन ,मेरे मित्रगण और वो तमाम लोग जो परोक्ष में मुझसे जुड़े हुए हैं....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
ये क्या क्या हो रहा है
ये क्या क्या हो रहा है........ इंसान का इंसान से भरोसा खो रहा है, जहाँ देखो, हर तरफ बस ऑंसू ही आँसू हैं, फिर भी लोगों का ईमान सो रहा है। ...
-
क्या दौर आया ज़माने का , कि हिसाब करने वाले बिक गए, सच और झूठ क्या है , ये बताने वाले बिक गए। आँखों से आँसू नहीं छलकते अब , क्या कहें...
-
नजरिया क्या है ? एक शिक्षक ने जब ये सवाल अपने शिष्यों ये किया और मिले ढेर सारे जवाब , शिक्षक थोडा सा मुस्कुराया और बड...
-
ये क्या क्या हो रहा है........ इंसान का इंसान से भरोसा खो रहा है, जहाँ देखो, हर तरफ बस ऑंसू ही आँसू हैं, फिर भी लोगों का ईमान सो रहा है। ...
No comments:
Post a Comment