आंखों से आँखें मिलाओ तो जरा ,
फासले बहुत हैं ,इन्हे कुछ घटाओ तो जरा ,
हम तो आगे बढ ही चुके हैं ,
पास तुम भी आओ तो जरा ,
आंखों सेआंखों से आँखें....... आँखे मिलाओ तो जर
कितना ही अरसा इंतजार में गुजरा ,
लबों ने भी बस तुम्हे ही पुकारा ,
हाल-ऐ-दिल अपना तुम भी सुनाओ तो जरा ,
आंखों सेआंखों से आँखें आँखें मिलाओ तो जरा .....................
ना जाने तुम रूठे हो क्यों ,
ना जाने तुम्हे डर है क्या ,
दिल में है क्या बताओ तो जरा ,
आंखों से आँखेंआंखों से आँखें मिलाओ तो जरा ..................
ख़वाहिश यही है की तुम्हे हम समझा तो सकेंगे ,
दुश्मन नही दोस्त बना तो सकेंगे ,
अंजाम क्या होगा ,ऐ-खुदा बताओ तो जरा ,
आंखों से आँखें मिलाओआंखों से आँखें तो जरा ...................
पीयूष वाजपेयी
संवेदना एक अभिव्यक्ति है ,उन सभी के लिए जो मुझसे किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं , मेरे परिवारजन ,मेरे मित्रगण और वो तमाम लोग जो परोक्ष में मुझसे जुड़े हुए हैं....
Wednesday, December 17, 2008
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