तुम्हारी नज़रों ने आज अजीब सा अहसास दिला दिया ,
एक ही चीज़ में नज़रों का फर्क सिखा दिया .
तुमने कुछ कहा तो वो confidence है ,
हमने कहा तो "अधजल गघरी छलकत जाए" .
तुमने हासिल किया तो वो achivement ,
हमने किया तो luck by chance
तुमने expression दिए तो attitude
हमने दिए तो कितना rude है
तुमने थोडा पाया तो बड़ा दिखाया
हमारा तो बड़ा भी -"हूँ ,ठीक... है"
तुमने कहा तो वो सच है
हमारा तो सच भी झूठ है
तुम्हारी खोखली हंसी में सब हंस पड़े
और मेरे गम में भी सब दूर रहे खड़े
पर ऐ मेरे दोस्त वास्तिवकता में आओ
सोओ नहीं अब जाग भी जाओ
जहाँ मैं हूँ कल तुम होओगे
तुम्हारी जगह कोई और होगा
ये दुनिया का चक्कर बड़ा निराला है
यहाँ सफ़ेद कपड़ों वाला भी अन्दर से काला है
नहीं बक्शा इस दुनिया ने किसी को तो फिर तुम कैसे बचोगे
इसलिए कहता हूँ जी सकोगे कल तब ही जब आज साधारण रहोगे
पर हाँ ! आज तुम्हारी नज़रों .......
एक ही चीज़ में....